!!!---: सुखी परिवार :---!!!
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अनुव्रतः पितुः पुत्रो मात्रा भवतु संमनाः । जाया पत्ये मधुमतीं वाचं वदतु शन्तिवाम् ।। (अथर्ववेद ३/३०/२)
पुत्र पिता के अनुकूल कर्म करने वाला हो और माता के साथ समान मनवाला हो । पत्नी पति से मधुर और सुखद वाणी बोले ।
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